क्या आप भी बात करने से घबराते हो – apne andar ke dar kaise nikale
आज हम बात करने वाले है की-
ü Apne andar ke dar kaise nikale
ü Apne andar ke dar ko khatam kaise kare
ü hesitation kaise door kare
ü Apne andar ka dar kaise nikale
ü Kisi se baat karne ke dar ko kaise dur kare
क्या आप भी स्कूल, ग्रुप, लोगो के सामने अपनी बात को रखने से और बात करने से घबराते है ?, stage पर बोलने से घबराते है ? और जादातर टाइम सोचते है की कही मेरा मजाक न बन जाये और सही है या गलत इत्यादि तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है|
किसी भी इंसान को किसी भी चीज़ से कभी न कभी डर और घबराहट होता है|क्या पता जो आज आपके सामने कोंफिडेंट होकर बात कर रहा है यानिकी मैं वो भी कभी दूसरों से बात करने में घबराता व डरता था|मैं भी वैसा ही था एक समय था जब मैं भी स्टेज पर जाने से घबराता था ग्रुप में अपनी बात रखने से घबराता था और एक भाषण देने से भी घबराता था और अटक जाता था आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा थोड़ा बहुत डर/घबराहट हर किसी के लाइफ में होता है|
लेकिन दिक्कत तो तब है जब यही डर/घबराहट आपके हार और असफलता का कारण बन जाए|आज जो इंसान आपके सामने है वो पहले की तरह नहीं रहा, आज मैं कोंफिडेंट हूँ और मैं कहीं भी भाषण दे सकता हूँ| मैं किसी से भी बात कर सकता हूँ मैं जैसा भी हूँ आपके सामने हूँ और आप लोग भी मुझे जानते हैं तो मैं उन सारे तरीको के बारे में बताऊंगा की कैसे मैंने अपने अंदर के डर को जड़ से ख़त्म किया और कैसे मैंने अपने अंदर बदलाव लाये और यह एक दिन में नहीं होता थोड़ा समय लगता है|
लेकिन अब जो भी बताऊंगा उसे फोल्लो करें और आपको 100% रिजल्ट देखने को मिलेगा तो इन तरीको को जानने से पहले ये भी जानेंगे की आखिर ये डर/घबराहट हमारे अंदर आता कहाँ से है आंखिर हम एक-दुसरो से बात करने में डरते क्यों हैं|
आपको हर समय ऐसा लगता है की लोग आपको आँक रहें हैं इसलिए आप कुछ भी बोलने से पहले इतना ज्यादा सोचते हो की ओवर-थिंकिंग करने लगते हो यानिकी आपके दिमाग में विचारों का बवंडर बन जाता है और वही जो ओवर-थिंकिंग आपको विचलित कर देती है और घबराहट होने लगती है लेकिन ऐसा होता क्यों है जबकि सामने वाला भी तो एक इंसान ही है |
घबराहट को दूर कैसे करें ? (apne andar ke dar ko kaise nikale
1. आत्मविश्वास की कमी : आत्मविश्वास की कमी का होना जब हम खुद को आस-पास के लोगों से कम आंकते हैं तो ऐसे में हमेशा ये डर रहता है की हम कुछ ऐसा न कहें की जिससे लोग हमारे बारे में गलत विचार बनाये और जिससे घबराते हैं की लोग क्या सोचेंगे|
उदाहरण– जब मैं स्कूल में था आपमें से कई स्टूडेंट के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा की जब भी हमें टीचर पढ़ने के लिए बोलते थे तो हम घबरा जाते थे ऐसा नहीं की हमें पढ़ना नहीं आता था पढ़ना आने के बाद भी घबराहट होती थी वो इसलिए क्योंकि अगर मैं पढ़ते-पढ़ते अटक गया तो सब मेरा मजाक बन जायेगा|
डर का एक कारण यह भी है की जो लोग़ हमें बोलते हैं उसे हम स्वीकार नहीं कर पाते हैं इसलिए कुछ कहने से पहले ही घबरा जाते हैं लेकिन इसे ठीक कैसे किया जाय क्योंकि आपको एक ही जिन्दगी मिली है और इसे खुल के कब जियोगे|
2. खुद से सवाल करना : आप कहीं भी हो बिना सोचे की वह सही है या गलत विचारों को व्यक्त करें|और अपने आप से यह सवाल करना है की जिस इंसान से आप बात कर रहे हो वो इंसान है कौन? अपनी बातों को रखने से घबरा रहे हो तो अपने आप से एक सवाल करो की वो सामने वाला इंसान वह कौन है? क्या मुझे इससे घबराना चाहिए ? क्या मुझे इससे डरना चाहिए? या मैं इसे ऐसा क्या गलत बोलने वाला हूँ जिससे मैं ऐसे घबरा रहा हूँ|
क्योंकि ज्यादातर समय लोग उन लोगों से घबराते हैं जिन लोगों से हमारा कोई लेना-देना ही नहीं होता और उनके चक्कर में हम अपने आप को ही नुकशान पंहुचा देते हैं|यह सवाल अपने आप से जरुर पूछा करो|
3. कुछ बातो का ध्यान रखना : जब भी आप किसी से कुछ भी कहें तो खुली आवाज़ और साफ़ शब्दों में कहें यदि कुछ भी बोलो तो हिचकीचाना/घबराना नहीं आपको यह ध्यान रखना है की जो सामने वाला इंसान है वह भी एक समय ऐसा होगा जब वो भी बात करने से घबराता/डरता होगा
लेकिन आज वो ऐसा नहीं है तो डरने की क्या बात है बस अपनी बात को रखो और कोंफिडेंट होकर बात करो आप कोई भी गलत काम नहीं कर रहे हो जो आप डर रहे हो इस चीज़ को आपको समझना होगा|एक चीज़ हमेसा याद रखना जो हर एक इंसान आपको बोलता है की कभी-भी बात करो तो आँखों में देखके बात करना चाहिए|
लेकिन यह जरूरी नहीं है आपको जैसे कम्फर्ट होता है आप वैसे बात करो|लेकीन आपको अपनी बातों को रखना है और ऐसा यदि आप धीरे-धीरे करते हो तो एक समय ऐसा भी आयेगा जब आप लोगों से आँखों में आँखें डाल के भी बात कर पाओगे|
यह मैं अपने एक्सप्रीयेंस से बोल रहा हूँ क्योंकि मैं भी दोस्तों ऐसा ही था मैं किसी से भी बात नहीं कर पाता था घबरा जाता था|लेकिन आज मैं पहले जैसा नहीं हूँ अब मैं किसी भी बड़े से बड़ा व्यक्ति व छोटे से छोटा व्यक्ति से या किसी भी इंसान से या कोई भी ग्रुप में अपनी बात पुरे कोंफिडेंट होकर व आँखों में आँखे डालकर बात कर सकता हूँ|और कहीं भी किसी के भी बारे में मैं भाषण दे सकता हूँ क्या आप भी ऐसा कर सकते हो?
यदि नहीं कर सकते तो जो भी मैंने आज बताया है उसे फोलो करो और यह एक दिन में रिजल्ट नहीं आयेगा ध्यान रखना आपको इस चीज को रेगुलर अपनाना है जो भी मैंने बोला है आप ऐसा करोगे तो आपको पक्का रिजल्ट मिलेगा और हमेशा एक कोंफिडेंट इंसान बनो |