पृथ्वी में 71% पानी होने पर भी पानी की कमी क्यों हो रही है : पृथ्वी एक ऐसा गृह है जहाँ जीवन यापन की सारी सुविधा है और जिसमे पानी सबसे महत्वपूर्ण हैं क्या आपने कभी सोचा है की दुनिया में आधे से ज्यादा पानी होने के बाद भी पानी की कमी क्यों हो रही है? दुनिया में 71% पानी है इसलिए इसे नीला गृह के नाम से भी जाना जाता है|
क्योंकि अंतरीक्ष से देखने में यह पानी के वजह से नीला दिखाई देता है और केवल 29% जमीन भू-भाग है जिसमें हम हैं जो कही-कहीं खाली भी है अकसर किताबों में,पोस्टर या T.V. के माध्यम से बोला जाता है की पानी कम इस्तेमाल करें पानी की बचत करें पानी बर्बाद न होने दें नल को सही से बंद करें|
जबकि हम जानते हैं कि दुनिया में आधे से ज्यादा हिस्से में पानी है फिर भी हमें क्यों बोला जाता है की पानी की बचत करें|और पृथ्वी के अधिकर भाग में पानी होने के बाद भी पीने के लिए पानी की कमी क्यों हो रही है तो आज हम आपको पूरी जानकारी बताने वाले हैं |
आपको यह जानके हेरानी होगी की जितना भी पानी पूरी दुनिया में मौजूद है पूरे पानी का लगभग 1% पानी ही पीने लायक है और लगभग 2% पानी ग्लेशियर यानिकी बर्फ के रूप में और लगभग 1% ही पानी पीने के योग्य है और इस 1% पानी का इस्तेमाल पूरी दुनिया के लोग करते हैं |
क्योंकि बाकी सारा पानी समुन्द्र के रूप में है जो खारा है और पीने योग्य नहीं है और समुन्द्र का पानी खारी क्यों है आपको पिछले आर्टिकल में बताया हुआ है यदि आपने नहीं देखा तो आप देख सकते हैं|
इसी लिए हमे बोला जाता है की पानी का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से ही करो कई जगह आपने देखा होगा की सुखा पड़ जाता है ये वहाँ के गर्म वातावरण से पड़ जाता है और कई सारी चीजों के वजह से भी हो जाता है
और कई जगह पानी बहुत नीचे गहराई में होता है और जहाँ पीने का पानी मौजूद है वहां भी यदि पानी का फिजूल इस्तेमाल अगर ज्यादा रहा और पानी बर्बाद होते रहा तो एक समय पीने के पानी का भारी कमी हो जायेगी|
उदाहरण- आपके घर के बाहर जो टंकी लगी है उसे खुला ही छोर दिया और पानी धरती में फैल गया है जब वह पानी भाप बनके बादल बनेगा तो यह भी हो सकता है की वह यह न बरश के समुन्द्र के आस-पास बरसे यानिकी जितना पानी बर्बाद हुआ वह अब वापस पीने लायक नहीं है |
क्योंकि बादल के माध्यम से वह समुंद्र में मिल जायेगा और खारा हो जायेगा और कई सारे कारण भी हो सकते हैं और ऐसा ही होता आ रहा है जिसके कारण दिन पर दिन पानी की कमी हो रही है क्योंकि पीने का पानी वैसे ही 1% है वह भी धीरे-धीरे ख़त्म हो रहा है|
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क्या समुन्द्र के पानी को ही फिल्टर करके पीने योग्य बना सकते हैं?
आपके दिमाग में यह प्रश्न तो आया ही होगा की क्यों न समुन्द्र के पानी को ही फिल्टर किया जाय पृथ्वी में जितना पानी है उसके पूरा पानी का 97% पानी समुन्द्र के रूप में हैं तो अगर उसे फिल्टर किया जाय पीने योग्य बनाया जाय तो पानी की कमी नहीं होगी लेकिन हम चाह के भी समुंद्र के पानी को फ़िल्टर नहीं कर सकते हैं|
क्योंकि उसके लिए उसे भाप बनाना होगा और बाप बना के पानी को इक्ठठा करना होगा जोकि एक दो लीटर के लिए ठीक है लेकिन लाखो लीटर के लिए नामुमकिन है और यदि फ़िल्टर कर भी लें तो दूर शहरो तक पहुँचाना मुस्किल है वरना हमारे पास पीने के लिए पानी की कभी कमी ही नहीं होती तो उतना ही पानी का इस्तेमाल करिये जितनी आपको जरूरत हो क्योंकि अगर पानी ख़त्म हो गया तो आप जान गए होगे की क्या हो सकता है|
तो उम्मीद करता हूँ आपको पता चल गया होगा की पृथ्वी में 71% पानी होने पर भी पानी की कमी क्यों हो रही है|