कैसी होगी हमारी भविष्य की दुनिया ?
क्या अपने कभी सोचा है की 100 साल या 1000 साल के बाद हमारी ये पृथ्वी जिसमे
हम रह रहे है वो कैसे दिखेगी मतलब भविष्य की दुनिया कैसी होगी |
अगर हम पुराने समय प्राचीन काल से अभी तुलना करे तो
विज्ञानं बहोत आगे बढ़ चूका है सभी चीजे एडवांस्ड हो चुकी है और इस बढती हुई
टेक्नोलॉजी के साथ हम भी जुड़ चुके है जैसे mobile फ़ोन एक छोटा सा डिवाइस मशीन
जिसके द्वारा हम एक जगह से दुसरे जगह पे
आसानी से बात कर सकते है बिना कही जाए वो भी मिनटों में जहा प्राचीन काल में
चिट्ठी लिखी जाती थी एक जगह से दुसरे जगह सन्देश पहोचाने के लिए जिसमे कई दिन और
महीनो लग जाते थे mobile फ़ोन के द्वारा अब मिनटों में हो जाता है |
हम रह रहे है वो कैसे दिखेगी मतलब भविष्य की दुनिया कैसी होगी |
अगर हम पुराने समय प्राचीन काल से अभी तुलना करे तो
विज्ञानं बहोत आगे बढ़ चूका है सभी चीजे एडवांस्ड हो चुकी है और इस बढती हुई
टेक्नोलॉजी के साथ हम भी जुड़ चुके है जैसे mobile फ़ोन एक छोटा सा डिवाइस मशीन
जिसके द्वारा हम एक जगह से दुसरे जगह पे
आसानी से बात कर सकते है बिना कही जाए वो भी मिनटों में जहा प्राचीन काल में
चिट्ठी लिखी जाती थी एक जगह से दुसरे जगह सन्देश पहोचाने के लिए जिसमे कई दिन और
महीनो लग जाते थे mobile फ़ोन के द्वारा अब मिनटों में हो जाता है |
बात करे internet की तो इसके आने से तो जैसे टेक्नोलॉजी में बाढ़ ही आ गयी अब
घर बैठे लोग अब किसी से भी बात ,विडियो कॉल ,एग्जाम , पढाई , सीखना , यहाँ तक की
घर बैठे अब लोग काम भी कर सकते है
घर बैठे लोग अब किसी से भी बात ,विडियो कॉल ,एग्जाम , पढाई , सीखना , यहाँ तक की
घर बैठे अब लोग काम भी कर सकते है
एक टाइम ऐसा था जब लोग सोच (इमेजिन ) भी नहीं सकते थे की हम उड़ सकते है ,
पृथ्वी के बहार जा सकते है , एक मिनट में मिलो दूर इन्सान से बात कर सकते , ऐसे
अनगिनत question जो लोग सोच भी नहीं सकते थे वो हम लोगो ने पूरा कर के दिखाया है
और आज भी हमारे साइंटिस्ट और साइंस लोवर ऐसे ही अतभुत और अविस्वसनिया खोज में लगे
है , मैं सोच के भी हैरान हु की आने वाला फ्यूचर भविष्य कितना
मजेदार होने वाला है
पृथ्वी के बहार जा सकते है , एक मिनट में मिलो दूर इन्सान से बात कर सकते , ऐसे
अनगिनत question जो लोग सोच भी नहीं सकते थे वो हम लोगो ने पूरा कर के दिखाया है
और आज भी हमारे साइंटिस्ट और साइंस लोवर ऐसे ही अतभुत और अविस्वसनिया खोज में लगे
है , मैं सोच के भी हैरान हु की आने वाला फ्यूचर भविष्य कितना
मजेदार होने वाला है
टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ साथ लोग भी इसका दुरूपयोग कर रहे है जिससे वातावरण
को बहोत ही छति पहुच रहा है जैसे प्लास्टिक का हद से जादा उपयोग , कार्बन दाइओक्साइड (CO2) और मीथेन गैस की मात्रा में
बढ़ोतरी होने के कारन ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ना | लोग जितना चीजो का इस्तेमाल नहीं
कर रहे उससे जादा वातावरण को नुकसान पंहुचा रहे है |
को बहोत ही छति पहुच रहा है जैसे प्लास्टिक का हद से जादा उपयोग , कार्बन दाइओक्साइड (CO2) और मीथेन गैस की मात्रा में
बढ़ोतरी होने के कारन ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ना | लोग जितना चीजो का इस्तेमाल नहीं
कर रहे उससे जादा वातावरण को नुकसान पंहुचा रहे है |
हमारी भविष्य की दुनिया कैसी हो सकती
है ?
है ?
अभी अगर हम बात करे की हमारी पृथ्वी और हमारा भविष्य कैसा होगा या कैसा हो
सकता है तो ये बस अभी हमारी दिमाग की
कल्पना है जो आगे चलके realty में हो |
हम बात करे 1800 से 1900 इसवी की तो अगर
किसी का हाथ या कोई सरीर का भाग टूटता या ख़राब होता था तो उसे ठीक करना बहोत
मुस्किल होता था क्योकि उस समय बीओनिक ( Bionic ) पार्ट्स नहीं हुआ करता था लेकिन आज technology इतनी बढ़ गई है
की गोलियों (medicine) ,मडिकल फैसिलिटी और Bionic पार्ट्स के साथ लगभग 80 – 90 साल जिया जा सकता है
कोई भी
इन्सान टेक्नोलॉजी कितनी भी क्यों न बढ़ जाए ये प्रकृति का नियम है की जिसने पृथ्वी
पर जन्म लिया है एक दिन उसे मरना भी पलेगा
सकता है तो ये बस अभी हमारी दिमाग की
कल्पना है जो आगे चलके realty में हो |
हम बात करे 1800 से 1900 इसवी की तो अगर
किसी का हाथ या कोई सरीर का भाग टूटता या ख़राब होता था तो उसे ठीक करना बहोत
मुस्किल होता था क्योकि उस समय बीओनिक ( Bionic ) पार्ट्स नहीं हुआ करता था लेकिन आज technology इतनी बढ़ गई है
की गोलियों (medicine) ,मडिकल फैसिलिटी और Bionic पार्ट्स के साथ लगभग 80 – 90 साल जिया जा सकता है
कोई भी
इन्सान टेक्नोलॉजी कितनी भी क्यों न बढ़ जाए ये प्रकृति का नियम है की जिसने पृथ्वी
पर जन्म लिया है एक दिन उसे मरना भी पलेगा
भावीस्य ( फ्यूचर ) में लोग नेनो टेक्नोलॉजी (Nano technology) की सहायता से वो कर पाएंगे जो आज भी हमारी इमेजिनेशन (imagination)
है भविष्य में कई ऐसे अविस्वसनिये गैजेट्स (gadgets) और इन्वेंशन (
Inventions ) हमारे सामने आएंगे जिसे
हम अभी इमेजिन (imagine) सोच भी नहीं सकते के ये हो सकता है
अभी ये जो 2 दुनिया है ऑनलाइन और ऑफलाइन की ये
सभी चीजे ऑनलाइन हो जायगा और आपके रोच इस्तेमाल आने वाले चीजे जैसे eye ग्लास , घर , लर्निंग , कार , घडी इत्यादि
सभी चीजे internet से जुड़ जायगा |
आजकल
जो प्रोब्लेम्स प्रदुषण (polution ) हो
रही है इसे भविष्य में रोबोट की सहायता से साफ कर पाएंगे और जब डीजल , पेट्रोल और coal जिसे अभी हम
हद से जादा इस्तेमाल कर रहे है ख़तम हो जायगा तब हमें बिजली बनाने का कोई नया
रास्ता ढूँढना पड़ेगा और इसके साथ साथ सायद हम एक पृथ्वी की ही तरह एक गृह का भी
खोज कर सके |
है भविष्य में कई ऐसे अविस्वसनिये गैजेट्स (gadgets) और इन्वेंशन (
Inventions ) हमारे सामने आएंगे जिसे
हम अभी इमेजिन (imagine) सोच भी नहीं सकते के ये हो सकता है
अभी ये जो 2 दुनिया है ऑनलाइन और ऑफलाइन की ये
सभी चीजे ऑनलाइन हो जायगा और आपके रोच इस्तेमाल आने वाले चीजे जैसे eye ग्लास , घर , लर्निंग , कार , घडी इत्यादि
सभी चीजे internet से जुड़ जायगा |
आजकल
जो प्रोब्लेम्स प्रदुषण (polution ) हो
रही है इसे भविष्य में रोबोट की सहायता से साफ कर पाएंगे और जब डीजल , पेट्रोल और coal जिसे अभी हम
हद से जादा इस्तेमाल कर रहे है ख़तम हो जायगा तब हमें बिजली बनाने का कोई नया
रास्ता ढूँढना पड़ेगा और इसके साथ साथ सायद हम एक पृथ्वी की ही तरह एक गृह का भी
खोज कर सके |
पृथ्वी जैसी दुसरे गृह की खोज ?
मैं पृथ्वी की तरह ही एक दुसरे गृह की खोज की बात इसलिए कर रहा हु क्योकि जो
sea (समुद्र ) लेवल है वो दिन बा दिन बढ़ता जा रहा है कई ऐसे जगह है जो समुद्र के
sea level मतलब समुद्र के पानी के लेवल बढ़ने के कारन डूब चुके है
साथ ही साथ
सूर्य (sun) का जो तापमान (temprature )
है वो भी बढ़ रहा है जिसके कारण सूर्य से सने वाली UV किरने भी बढ़ रही है यही सब कारण है की आने वाले भविष्य में हमें
पृथ्वी को छोड़ना पड़ सकता है और एक नए घर
की जरुरत पढ़ सकती है ऐसा प्लेनेट जो इंसानों के रहने के अनुकूल हो और मंगल गृह
(Mars Planet) एक अच्छा आप्शन है |
अज
दुनिया में 700 करोड़ से भी जादा लोग है और ये सभी आज पृथ्वी के चीजो (resource) का
इस्तेमाल कर रहे है लगभग 1000 साल बाद पृथ्वी की जनसँख्या (population) अरबो में
होगी साइंटिस्टों के अनुसार तब पृथ्वी (earth ) रहने लायक नहीं रहेगा और हमें एक
नई सोलर सिस्टम की जरुरत पड़ेगी तब और दूसरा प्लेनेट मिल भी जाए तो सालो लगेंगे
पृथ्वी से दुसरे प्लेनेट में ट्रान्सफर करने में तब हमें बहुत ,बहुत बड़े स्पेस
क्राफ्ट (spacecraft) , spaceship की जरुरत बढेगी |
sea (समुद्र ) लेवल है वो दिन बा दिन बढ़ता जा रहा है कई ऐसे जगह है जो समुद्र के
sea level मतलब समुद्र के पानी के लेवल बढ़ने के कारन डूब चुके है
साथ ही साथ
सूर्य (sun) का जो तापमान (temprature )
है वो भी बढ़ रहा है जिसके कारण सूर्य से सने वाली UV किरने भी बढ़ रही है यही सब कारण है की आने वाले भविष्य में हमें
पृथ्वी को छोड़ना पड़ सकता है और एक नए घर
की जरुरत पढ़ सकती है ऐसा प्लेनेट जो इंसानों के रहने के अनुकूल हो और मंगल गृह
(Mars Planet) एक अच्छा आप्शन है |
अज
दुनिया में 700 करोड़ से भी जादा लोग है और ये सभी आज पृथ्वी के चीजो (resource) का
इस्तेमाल कर रहे है लगभग 1000 साल बाद पृथ्वी की जनसँख्या (population) अरबो में
होगी साइंटिस्टों के अनुसार तब पृथ्वी (earth ) रहने लायक नहीं रहेगा और हमें एक
नई सोलर सिस्टम की जरुरत पड़ेगी तब और दूसरा प्लेनेट मिल भी जाए तो सालो लगेंगे
पृथ्वी से दुसरे प्लेनेट में ट्रान्सफर करने में तब हमें बहुत ,बहुत बड़े स्पेस
क्राफ्ट (spacecraft) , spaceship की जरुरत बढेगी |
भविष्य (फ्यूचर ) में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial
Intelligence) टेक्नोलॉजी (Technology)
आपको हर जगह देखने को मिलेगी जो आजकल जैसे facebook,youtube , जो आप google में
सर्च करते है सब में आर्टिफीसियल
इंटेलिजेंस कम करता है
Intelligence) टेक्नोलॉजी (Technology)
आपको हर जगह देखने को मिलेगी जो आजकल जैसे facebook,youtube , जो आप google में
सर्च करते है सब में आर्टिफीसियल
इंटेलिजेंस कम करता है
अपने कभी न कभी तो ये जरुर नोटिस किया होगा जब आप कोई चीज amazon या flipkart
पे सर्च करते है उसके बाद जब आप कोई वेबसाइट जलाते हो जैसे facebook या कोई भी
वेबसाइट तब आपको वैसे ही और उससे मिलता जुलता एडवरटाईज्मेंट (advertisement) दीखते है जैसा आपने amazon या
flipkart में सर्च किया होता है इसके पीछे भी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ही काम करता
है google assistent ,रोबोट जो आपके सवालो के जवाब देते है ये सभी आर्टिफीसियल
इंटेलिजेंस पे काम करते है और आपके सोच और
पिछले डाटा के नुसार आपको response और जवाब देते है
पे सर्च करते है उसके बाद जब आप कोई वेबसाइट जलाते हो जैसे facebook या कोई भी
वेबसाइट तब आपको वैसे ही और उससे मिलता जुलता एडवरटाईज्मेंट (advertisement) दीखते है जैसा आपने amazon या
flipkart में सर्च किया होता है इसके पीछे भी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस ही काम करता
है google assistent ,रोबोट जो आपके सवालो के जवाब देते है ये सभी आर्टिफीसियल
इंटेलिजेंस पे काम करते है और आपके सोच और
पिछले डाटा के नुसार आपको response और जवाब देते है
ये भविष्य में बहुत जादा एडवांस्ड हो जायगा और इन AI डिवाइसो की सहायता से कोई भी काम आसानी से हो पायगा और
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस इन्सान की तरह ही काम करने लगेगा और जिसकी सहायता से
इन्सान mutant (सुपर human) में बदल जायगा | आज भी दुनिया में कई ऐसे इंसान जनम
लेते है जिनके पास अनोखी ताकत होती है |
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस इन्सान की तरह ही काम करने लगेगा और जिसकी सहायता से
इन्सान mutant (सुपर human) में बदल जायगा | आज भी दुनिया में कई ऐसे इंसान जनम
लेते है जिनके पास अनोखी ताकत होती है |
इन्सान अपने आप में ही एक अजूबा है हम खुद नहीं जानते की हम क्या क्या कर सकते
है हमें किसने बनाया है इस पृथ्वी को
किसने बनाया है और इस यूनिवर्स पुरे ब्रम्हांड को किसने बनाया है बस अभी हम इतना
जानते है की कोई तो सकती है जिससे इस पुरे ब्रम्हांड का निर्माण हुआ है और फिर
question अत है की उस सकती को किसने बनाया होगा सोलर सिस्टम कहा से आया कैसे बना
है हमें किसने बनाया है इस पृथ्वी को
किसने बनाया है और इस यूनिवर्स पुरे ब्रम्हांड को किसने बनाया है बस अभी हम इतना
जानते है की कोई तो सकती है जिससे इस पुरे ब्रम्हांड का निर्माण हुआ है और फिर
question अत है की उस सकती को किसने बनाया होगा सोलर सिस्टम कहा से आया कैसे बना
आने वाले समय में ऐसे सवालो के जवाब हमें मिलने वाले है भविष्य बड़ा ही
मजेदार ( interesting ) और adventureous होने वाला
मजेदार ( interesting ) और adventureous होने वाला
😋😄🌎……! by Let’s play science
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